100+ मुहावरे अर्थ सहित वाक्य प्रयोग के साथ - महत्वपूर्ण मुहावरे हिंदी व्याकरण

    विषय -  मुहावरे 

1. अँगूठा दिखाना   ( इन्कार करना )  - जब मैंने राम से अपने सौ रुपये माँगे तो उसने अँगूठा दिखा दिया । 

2. अँधेरे घर का उजाला   ( इकलौता पुत्र )  - राम अपने पिता के अँधेरे घर का उजाला है । 

3. अंगारे बरसाना  ( कड़ी धूप पड़ना )  - घर के अंदर कुछ ठंडक है बाहर तो अंगारे बरस रहे हैं । 

4. अंग छूना ( कसम खाना )  -  उसने अंग छूकर कहा कि मैंने पुस्तक नहीं चुराई है । 

5. अंग - अंग ढीला होना  ( बहुत थकावट अनुभव करना )   - आज खेत में काम करने से मेरा अंग - अंग ढीला हो गया है । 

6. अन्धे की लाठी   ( एक मात्र सहारा )   - राम अपने माता - पिता के लिए अन्धे की लाठी है । 

7. अन्त पाना   ( रहस्य पाना )   -  भगवान का अन्त पाना संभव नहीं । 

8. अन्त बिगाड़ना   ( कार्य का अन्तिम पल बिगाड़ देना )   -  मोहन ने सारा जीवन ईमानदारी से काम किया परंतु अब बुढ़ापे में चोरी करके अपना अंत बिगाड़ लिया ।

9. अंगारो पर पैर रखना   ( जानबूझ कर हानिकारक कार्य करना )   - जो मनुष्य अंगारो पर पैर रखता है उसका ही नुकसान होता है । 

10. अंधे को दीपक दिखाना   ( नासमझ को उपदेश देना )   - पागल व्यक्ति को उपदेश देना अंधे को दीपक दिखाना है । 

11. अंगारे उगलना   ( क्रोध में कठोर वचन बोलना )   - हमारी तोपें शत्रु पर अंगारे उगलने लगी । 

12. अपने पैरों पर खड़ा होना   ( स्वावलम्बी होना )   - मदन को नौकरी मिल गई , वह अब अपने पैरों पर खड़ा हो गया है । 

13. अपना राग अलापना   ( अपने बारे में ही बातें करना )   - वह अपना राग अलापता रहता है , दूसरों की सुनता ही नहीं ।

14.  अक्ल का दुश्मन   ( मूर्ख व्यक्ति )   -  वह अक्ल का दुश्मन है , समझाने पर भी नहीं मानता । 

15 . अक्ल का पुतला   ( असाधारण बुद्धिमान )  -  मोहन अक्ल का पुतला है , हर बात जल्दी समझ लेता है ।

16. अपने मुँह मियाँ मिठू बनना   ( अपनी प्रशंसा स्वयं करना )   -  थोड़ी - सी तारीफ क्या कर दी राजू तो अपने मुँह मियाँ मिठू बनने लगा । 

17. अपना उल्लू सीधा करना   ( अपना काम निकालना )  -  आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं ।

 18. अक्ल पर पत्थर पड़ना   ( बुद्धि नष्ट हो जाना , कुछ समझ में न आना )  -   सोहन की अक्ल पर पत्थर पड़े हुए हैं कोई काम ठीक नहीं करता । 

19. अपनी खिचड़ी अलग पकाना   ( अलग रहना )   -  आजकल के नौजवान अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं । 

20. अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना   ( समझाने पर भी उल्टा काम करना )  -  क्यों अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरते हो , बाद में पछताओगे ।  

21. अरण्य रोदन   ( बेकार में रोना- धोना )   - पहले तो किसी का कहना नहीं माना , अब अरण्य रोदन से क्या लाभ ? 

22. अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना   ( अपना नुकसान आप करना )   - जो लोग मादक वस्तुओं का सेवन करते हैं वे अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारते हैं ।  

23. अक्ल चरने जाना   ( समझ का न रहना )  - क्या तुम्हारी अक्ल चरने गई हुई थी जो सारा धन बरबाद कर दिया । 

24. अनुनय - विनय करना   ( मिन्नत करना )  - मैंने उसके आगे बहुत अनुनय - विनय की , परंतु उसने अपनी पुस्तकें मुझे नहीं दी । 

25. अगर - मगर करना   ( टालमटोल करना )   - मेरे सोहन के पास पैसे हैं जब भी माँगता हूँ वह अगर - मगर करने लगता है । 

26. अक्ल के घोड़े दौड़ाना   ( सोच - विचार करना )  - तुम कितने भी अक्ल के घोड़े दौड़ाओ तुम इस सवाल को हल नहीं कर सकते । 

27. अपना - सा मुँह लेकर रह जाना   ( बहुत लज्जित होकर चुप रहना )   - वह चोरी करते हुए पकड़ा गया , तब वह अपना - सा मुँह लेकर रह गया । 

28. आँखें चुराना   ( सामने आने पर छिपना , कतराना )   - जब उसका शहर में जलूस निकाला गया , तब वह लोगों से आँखें चुराने लगा । 

29. आँखें खुलना   ( होश आना )   - अब भी तुम्हारी आँखें खुल जाए तो अच्छा है क्योंकि अभी जीवन बहुत बाकी है । 

30. आँखें में खून उतरना   ( अधिक क्रोध करना )   - दुश्मन को देखकर हमारी आँखें में खून उतर आता है । 

31. आँख का काँटा   ( खटकने वाला व्यक्ति , बुरा लगना )   - आंतकवादी व्यक्ति हमेशा देशभक्तों की आँखों का काँटा होता है । 

32. आँखें पर ठीकरी रखना   ( बेशर्म बन जाना )   - चरित्रहीन व्यक्ति हमेशा आँखें पर ठीकरी रखे हुए होता है ।

33. आँखें दिखलाना   ( क्रोध करना , डराना )   - क्यों मुझे आँखें दिखलाते हो , मैं तुमसे दबने वाला नहीं । 

34. आँख फेर लेना   ( बदल जाना )  - बुरे वक्त में अपने भी आँख फेर लेते हैं । 

35. आँखें तरसना   ( किसी चीज को देखने की इच्छा )   - तुम्हें देखने के लिए मेरी आँखें तरसती हैं । 

36. आँखों से गिरना   ( प्रभाव नष्ट हो जाना )   - मैं तुम्हारा आदर करता था परंतु तुम ने चोरी की , अब तुम मेरी आँखें से गिर गए हो । 

37. आँखें पथरा जाना   ( मरने के समीप होना , बाट देखते थक जाना )   - कैंसर के कारण उसकी आँखें पथरा गई हैं । 

38. आँखें में धूल झोंकना   ( धोखा देना )  - चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गया । 

39. आँख मारना   ( इशारा करना )  - यदि में उसे आँख न मारता तो वह तुम्हारी सारी पोल खोल देता । 

40. आँखें के आगे अंधेरा छा जाना   ( दिखाई न देना , निराश होना ) -  जब उसे पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनाया गया तो उसकी आँखें के आगे अधेरा छा गया । 

41. आँखें का उजाला   ( बहुत प्यारा )   - राजेश अपनी माता की आँखों का उजाला है । 

42. आँखें पर पर्दा पड़ना   ( भले बुरे का ज्ञान न होना , धोखा खाना ) -   बुरे दिन आने पर व्यक्ति की आँखों पर पर्दा पड़ जाता है । 

43. आँख की किरकिरी   ( खटकने वाली वस्तु )   -  दुराचारी व्यक्ति समाज की आँख की किरकिरी होता है । 

44. आँखें पर चर्बी छा जाना   ( बहुत घमण्ड करना )  - औछे व्यक्ति को बड़ा पद मिल जाए तो उसकी आँखों पर चर्बी छा जाती है । 

45. आँखें में समाना   ( बहुत प्रिय लगना )   -  तुम मेरी आँखों में समाए हुए हो , मैं तुम से दूर नहीं रह सकता । 

46. आँचल पसारना   ( माँगना )  -  हर व्यक्ति भगवान के आगे आँचल पसारता है । 

47. आँसू पोछना   ( धीरज बैंधाना , हमदर्दी दिखाना )  -  हमें गरीबों के आँसू पोछने चाहिएँ । 

48. आकाश पाताल एक करना   ( पूरा प्रयत्न करना )   -  मोहन ने आकाश पाताल एक कर दिया परतु व्यापार में सफल नहीं हुआ । 

49. आँखें ठण्डी होना   ( शान्ति या प्रसन्नता मिलना )   -  बारात में तुम्हें देखकर मेरी आँखें ठण्डी हो गई । 

50. आग बबूला होना   ( बहुत क्रुद्ध होना )  -  रावण अपनी सेना का संहार देखकर आग बबूला हो गया । 

51. आँच न आने देना   ( कुछ भी हानि न होने देना ) -  राम बड़ा चतुर है अपने ऊपर तो वह कभी आँच नहीं आने देता । 

52. आग से खेलना   ( खतरा मोल लेना )   -  जासूस लोग हमेशा आग से खेलते हैं । 

53. आग लगाना   ( किसी को भड़काना , नष्ट करना )   - रमेश ने सुरेश के घर में चुगली करके उसके घर में आग लगा दी । 54. आग लगाकर तमाशा देखना   ( लड़ाई - झगड़ा कराकर प्रसन्न होना )   -  दुष्ट लोग दूसरों के घरों में आग लगाकर तमाशा देखते हैं । 

55. आकाश - पाताल का अंतर होना   ( बहुत अंतर होना )   -  भारत व पाकिस्तान की शक्ति में आकाश - पाताल का अंतर है । 

56. आकाश - पाताल एक करना    ( बहुत परिश्रम करना ) -  परीक्षा में सफल होने के लिए उसने आकाश - पाताल एक कर दिया । 

57. आकाश से बातें करना   ( बहुत ऊँचा होना )  - मुम्बई की ईमारतें आकाश से बातें करती हैं । 

58. आस्तीन का साँप   ( धोख देने वाला साथी , कपटी )  - रमेश आस्तीन का साँप है उससे बचकर रहना । 

59. आपे से बाहर होना   ( क्रोध में होश खे बैठना )   - अपनी बुराई सुनकर वह आपे से बाहर हो गया । 

60. आबरू उतारना   ( बेइज्जत करना )  -  मैं तुम्हारा आदर करता हूँ परंतु तुम मेरी आबरू उतारने पर तुले हुए हो । 

61. आँखें पथराना   ( मृत्यु के निकट होना )   - बीमारी के कारण उसकी आँखें पथरा गईं । 

62. आसमान टूट पड़ना   ( मुसीबत आना )   - बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता पर आसमान टूट पड़ा । 

63. आधा तीतर आधा बटेर होना   ( एक विचार का न होना )  - आज कल के नेता आधा तीतर आधा बटेर वाली बात कर रहे हैं । 

64 . आटा गीला न होना   ( मुसीबत में और मुसीबत आना )  - गरीबी की हालत में उस की नौकरी छूट जाना आटा गीला होने के समान है । 

65. आसन डोलना   ( डॉवाडोल होना , खतरा पैदा होना )   -  भ्रष्टाचार बढ़ जाने पर सरकार का आसन डोलने लगता है । 

66. आव देखा न ताव   ( बिना सोचे विचारे )  - किसानों ने आव देखा न ताव रेल की पटरी उखाड़ दी । 

67. आड़े हाथों लेना   ( खरी - खोटी सुनाना )   -  एक पार्टी के नेता दूसरी पार्टी के नेता को आड़े हाथों लेते हैं । 

68. आटे दाल का भाव मालूम होना   ( कष्ट का अनुभव होना )  - पुत्र को पिता से अलग होने पर आटे दाल का भाव मालूम हो गया । 

69. आगे पीछे फिरना   ( खुशामद करना )  - उसके आगे पीछे फिरने से भी उसने मुझे नौकरी नहीं दिलवाई । 

70. ईद का चाँद होना   ( बहुत देर के बाद मिलना )  -  थानेदार बनने के बाद तुम तो ईद का चाँद हो गए हो । 

71. ईंट का जवाब पत्थर से देना   ( दृढ़ता से शत्रु का मुकाबला करना )  -  पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान पर हमला कर दिया परंतु हमारी सेना ने दुश्मन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया । 

72. ईंट से ईंट बजाना   ( नष्ट - भ्रष्ट कर देना )  - शिवाजी ने अपने दुश्मनों की ईंट से ईंट बजा दी थी । 

73. इधर - उधर की हाँकना   ( व्यर्थ बोलना )  -  जब मैंने उसे पढ़ने के लिए कहा तो वह इधर - उधर की हाँकने लगा । 

74. उँगली उठाना   ( दोष निकालना , हानि पहुँचाने की कोशिश करना )   - जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तब तक कोई तुम पर उँगली नहीं उठा सकता । 

75. उँगली पर नचाना   ( वश में करना , इच्छा अनुसार काम करवाना )   -  आजकल की पत्नियाँ अपने पतियों को उँगली पर नचाती हैं । 

76. उँगली उठना   ( दोषी प्रकट होना , निन्दा होना )  एक बार आदमी पर उँगली उठ जाए तो उस का आदर कम हो जाता है । 

77. उल्टी गंगा बहना   ( विपरीत कार्य करना )  -  उल्टी गंगा बहाने वाला व्यक्ति समाज में नहीं रह सकता । 

78. उड़ती चिड़िया पहचानना   ( बहुत अनुभवी होना )   -  उड़ती चिड़िया पहचानने वाले भी कभी - कभी धोखा खा जाते हैं । 

79. उल्टी माला फेरना   ( बुरा सोचना )  - तुम चाहे कितनी उल्टी माला फेरो तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते । 

80. उन्नीस बीस का अंतर   ( बहुत कम अंतर होना )  -  दोनों पुस्तकों में उन्नीस बीस का अंतर है । 

81. उगल देना   ( भेद प्रकट कर देना )   - चोर को जब मार पड़ी तो उसने सारी बातें उगल दी ।

82. उठ जाना   ( मर जाना , समाप्त हो जाना )   -  एक न एक दिन सबको इस संसार से उठ जाना है । 

83. उधेड़बुन में होना   ( सोच - विचार में होना )   -  मोहन पता नहीं क्या करता रहता है हर वक्त उधेड़बुन में लगा रहता है । 

84. एक आँख से देखना   ( सब को समान समझना )   -  अध्यापक हमेशा अपने छात्रों को एक आँख से देखते हैं ।

85. एड़ी चोटी का जोर लगाना   ( पूरा प्रयत्न करना )   - उसने परीक्षा में पास होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया । 

86. एक न चलना   ( कोई युक्ति सफल न होना )  -  रमेश ने मुझे अध्यापक से पिटवाने की बहुत कोशिश की परंतु उसकी एक न चली । 

87. एक लकड़ी से हाँकना   ( समान व्यवहार करना )   -  इस नगर के थानेदार ऐसे हैं कि सभी को एक लकड़ी से हाँकते हैं । 

88. ओखली में सिर देना   ( जान - बूझकर मुसीबत में पड़ना )  - जब ओखली में सिर दे दिया है तो अब पीछे नहीं हटूंगा । 

89. कंचन बरसना   ( बहुत लाभ होना , धन प्राप्त होना )  -  जब से उन्होंने व्यापार शुरू किया है उनके यहाँ कंचन बरस रहा है । 

90. कमर टूटना   ( निराश होना , नुकसान होना )   - भारत ने ऐसा हमला किया कि पाकिस्तान की एक ही दिन में कमर टूट गई । 

91. कमर कसना   ( तैयार होना )   - परीक्षा में पास होने के लिए मैंने कमर कस ली है । 

92. कलम तोड़ना   ( बहुत अच्छा लिखना )   - राम की कापी ऐसी है कि उसने कलम तोड़ रखी है । 

93. कसौटी पर कसना   ( बहुत परखना )   -  मेरा नौकर कई बार कसौटी पर कसने पर वफादार निकला । 

94. कफन सिर पर बाँधना    ( मरने की न करना )  -  भारतीय सैनिक युद्ध में कफन सिर पर बाँधकर दुश्मन का सामना करते हैं । 

95. कठपुतली होना   ( दूसरे के इशारे पर चलना )  -  भारत को कोई भी देश कठपुतली नहीं बना सकता । 

96. कलेजा मुँह को आना   ( बहुत दुखी होना , हृदय घबराना )   - बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता का कलेजा मुँह को आ गया । 

97. कलेजा थाम कर रह जाना   ( दुख सहन कर लेना )   - बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता कलेजा थाम कर रह गया ।

98. कलेजे पर साँप लोटना   ( ईर्ष्या से जलना )  -  मेरी लाटरी निकलने का समाचार सुनकर दुश्मनों के कलेजे पर साँप लोट गया । 

99. कंठ का हार होना   ( बहुत प्यारा होना )   -  इकलौता पुत्र अपने पिता के कंठ का हार होता है । 

100. कटे पर नमक छिड़कना   ( दुखी व्यक्ति को और दुखी करना )  -  मैं तो पहले से ही दुखी हूँ और कटे पर नमक मत छिड़को ।


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