विषय - मुहावरे
2. अँधेरे घर का उजाला ( इकलौता पुत्र ) - राम अपने पिता के अँधेरे घर का उजाला है ।
3. अंगारे बरसाना ( कड़ी धूप पड़ना ) - घर के अंदर कुछ ठंडक है बाहर तो अंगारे बरस रहे हैं ।
4. अंग छूना ( कसम खाना ) - उसने अंग छूकर कहा कि मैंने पुस्तक नहीं चुराई है ।
5. अंग - अंग ढीला होना ( बहुत थकावट अनुभव करना ) - आज खेत में काम करने से मेरा अंग - अंग ढीला हो गया है ।
6. अन्धे की लाठी ( एक मात्र सहारा ) - राम अपने माता - पिता के लिए अन्धे की लाठी है ।
7. अन्त पाना ( रहस्य पाना ) - भगवान का अन्त पाना संभव नहीं ।
8. अन्त बिगाड़ना ( कार्य का अन्तिम पल बिगाड़ देना ) - मोहन ने सारा जीवन ईमानदारी से काम किया परंतु अब बुढ़ापे में चोरी करके अपना अंत बिगाड़ लिया ।
9. अंगारो पर पैर रखना ( जानबूझ कर हानिकारक कार्य करना ) - जो मनुष्य अंगारो पर पैर रखता है उसका ही नुकसान होता है ।
10. अंधे को दीपक दिखाना ( नासमझ को उपदेश देना ) - पागल व्यक्ति को उपदेश देना अंधे को दीपक दिखाना है ।
11. अंगारे उगलना ( क्रोध में कठोर वचन बोलना ) - हमारी तोपें शत्रु पर अंगारे उगलने लगी ।
12. अपने पैरों पर खड़ा होना ( स्वावलम्बी होना ) - मदन को नौकरी मिल गई , वह अब अपने पैरों पर खड़ा हो गया है ।
13. अपना राग अलापना ( अपने बारे में ही बातें करना ) - वह अपना राग अलापता रहता है , दूसरों की सुनता ही नहीं ।
14. अक्ल का दुश्मन ( मूर्ख व्यक्ति ) - वह अक्ल का दुश्मन है , समझाने पर भी नहीं मानता ।
15 . अक्ल का पुतला ( असाधारण बुद्धिमान ) - मोहन अक्ल का पुतला है , हर बात जल्दी समझ लेता है ।
16. अपने मुँह मियाँ मिठू बनना ( अपनी प्रशंसा स्वयं करना ) - थोड़ी - सी तारीफ क्या कर दी राजू तो अपने मुँह मियाँ मिठू बनने लगा ।
17. अपना उल्लू सीधा करना ( अपना काम निकालना ) - आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं ।
18. अक्ल पर पत्थर पड़ना ( बुद्धि नष्ट हो जाना , कुछ समझ में न आना ) - सोहन की अक्ल पर पत्थर पड़े हुए हैं कोई काम ठीक नहीं करता ।
19. अपनी खिचड़ी अलग पकाना ( अलग रहना ) - आजकल के नौजवान अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं ।
20. अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना ( समझाने पर भी उल्टा काम करना ) - क्यों अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरते हो , बाद में पछताओगे ।
21. अरण्य रोदन ( बेकार में रोना- धोना ) - पहले तो किसी का कहना नहीं माना , अब अरण्य रोदन से क्या लाभ ?
22. अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना ( अपना नुकसान आप करना ) - जो लोग मादक वस्तुओं का सेवन करते हैं वे अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारते हैं ।
23. अक्ल चरने जाना ( समझ का न रहना ) - क्या तुम्हारी अक्ल चरने गई हुई थी जो सारा धन बरबाद कर दिया ।
24. अनुनय - विनय करना ( मिन्नत करना ) - मैंने उसके आगे बहुत अनुनय - विनय की , परंतु उसने अपनी पुस्तकें मुझे नहीं दी ।
25. अगर - मगर करना ( टालमटोल करना ) - मेरे सोहन के पास पैसे हैं जब भी माँगता हूँ वह अगर - मगर करने लगता है ।
26. अक्ल के घोड़े दौड़ाना ( सोच - विचार करना ) - तुम कितने भी अक्ल के घोड़े दौड़ाओ तुम इस सवाल को हल नहीं कर सकते ।
27. अपना - सा मुँह लेकर रह जाना ( बहुत लज्जित होकर चुप रहना ) - वह चोरी करते हुए पकड़ा गया , तब वह अपना - सा मुँह लेकर रह गया ।
28. आँखें चुराना ( सामने आने पर छिपना , कतराना ) - जब उसका शहर में जलूस निकाला गया , तब वह लोगों से आँखें चुराने लगा ।
29. आँखें खुलना ( होश आना ) - अब भी तुम्हारी आँखें खुल जाए तो अच्छा है क्योंकि अभी जीवन बहुत बाकी है ।
30. आँखें में खून उतरना ( अधिक क्रोध करना ) - दुश्मन को देखकर हमारी आँखें में खून उतर आता है ।
31. आँख का काँटा ( खटकने वाला व्यक्ति , बुरा लगना ) - आंतकवादी व्यक्ति हमेशा देशभक्तों की आँखों का काँटा होता है ।
32. आँखें पर ठीकरी रखना ( बेशर्म बन जाना ) - चरित्रहीन व्यक्ति हमेशा आँखें पर ठीकरी रखे हुए होता है ।
33. आँखें दिखलाना ( क्रोध करना , डराना ) - क्यों मुझे आँखें दिखलाते हो , मैं तुमसे दबने वाला नहीं ।
34. आँख फेर लेना ( बदल जाना ) - बुरे वक्त में अपने भी आँख फेर लेते हैं ।
35. आँखें तरसना ( किसी चीज को देखने की इच्छा ) - तुम्हें देखने के लिए मेरी आँखें तरसती हैं ।
36. आँखों से गिरना ( प्रभाव नष्ट हो जाना ) - मैं तुम्हारा आदर करता था परंतु तुम ने चोरी की , अब तुम मेरी आँखें से गिर गए हो ।
37. आँखें पथरा जाना ( मरने के समीप होना , बाट देखते थक जाना ) - कैंसर के कारण उसकी आँखें पथरा गई हैं ।
38. आँखें में धूल झोंकना ( धोखा देना ) - चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गया ।
39. आँख मारना ( इशारा करना ) - यदि में उसे आँख न मारता तो वह तुम्हारी सारी पोल खोल देता ।
40. आँखें के आगे अंधेरा छा जाना ( दिखाई न देना , निराश होना ) - जब उसे पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनाया गया तो उसकी आँखें के आगे अधेरा छा गया ।
41. आँखें का उजाला ( बहुत प्यारा ) - राजेश अपनी माता की आँखों का उजाला है ।
42. आँखें पर पर्दा पड़ना ( भले बुरे का ज्ञान न होना , धोखा खाना ) - बुरे दिन आने पर व्यक्ति की आँखों पर पर्दा पड़ जाता है ।
43. आँख की किरकिरी ( खटकने वाली वस्तु ) - दुराचारी व्यक्ति समाज की आँख की किरकिरी होता है ।
44. आँखें पर चर्बी छा जाना ( बहुत घमण्ड करना ) - औछे व्यक्ति को बड़ा पद मिल जाए तो उसकी आँखों पर चर्बी छा जाती है ।
45. आँखें में समाना ( बहुत प्रिय लगना ) - तुम मेरी आँखों में समाए हुए हो , मैं तुम से दूर नहीं रह सकता ।
46. आँचल पसारना ( माँगना ) - हर व्यक्ति भगवान के आगे आँचल पसारता है ।
47. आँसू पोछना ( धीरज बैंधाना , हमदर्दी दिखाना ) - हमें गरीबों के आँसू पोछने चाहिएँ ।
48. आकाश पाताल एक करना ( पूरा प्रयत्न करना ) - मोहन ने आकाश पाताल एक कर दिया परतु व्यापार में सफल नहीं हुआ ।
49. आँखें ठण्डी होना ( शान्ति या प्रसन्नता मिलना ) - बारात में तुम्हें देखकर मेरी आँखें ठण्डी हो गई ।
50. आग बबूला होना ( बहुत क्रुद्ध होना ) - रावण अपनी सेना का संहार देखकर आग बबूला हो गया ।
51. आँच न आने देना ( कुछ भी हानि न होने देना ) - राम बड़ा चतुर है अपने ऊपर तो वह कभी आँच नहीं आने देता ।
52. आग से खेलना ( खतरा मोल लेना ) - जासूस लोग हमेशा आग से खेलते हैं ।
53. आग लगाना ( किसी को भड़काना , नष्ट करना ) - रमेश ने सुरेश के घर में चुगली करके उसके घर में आग लगा दी । 54. आग लगाकर तमाशा देखना ( लड़ाई - झगड़ा कराकर प्रसन्न होना ) - दुष्ट लोग दूसरों के घरों में आग लगाकर तमाशा देखते हैं ।
55. आकाश - पाताल का अंतर होना ( बहुत अंतर होना ) - भारत व पाकिस्तान की शक्ति में आकाश - पाताल का अंतर है ।
56. आकाश - पाताल एक करना ( बहुत परिश्रम करना ) - परीक्षा में सफल होने के लिए उसने आकाश - पाताल एक कर दिया ।
57. आकाश से बातें करना ( बहुत ऊँचा होना ) - मुम्बई की ईमारतें आकाश से बातें करती हैं ।
58. आस्तीन का साँप ( धोख देने वाला साथी , कपटी ) - रमेश आस्तीन का साँप है उससे बचकर रहना ।
59. आपे से बाहर होना ( क्रोध में होश खे बैठना ) - अपनी बुराई सुनकर वह आपे से बाहर हो गया ।
60. आबरू उतारना ( बेइज्जत करना ) - मैं तुम्हारा आदर करता हूँ परंतु तुम मेरी आबरू उतारने पर तुले हुए हो ।
61. आँखें पथराना ( मृत्यु के निकट होना ) - बीमारी के कारण उसकी आँखें पथरा गईं ।
62. आसमान टूट पड़ना ( मुसीबत आना ) - बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता पर आसमान टूट पड़ा ।
63. आधा तीतर आधा बटेर होना ( एक विचार का न होना ) - आज कल के नेता आधा तीतर आधा बटेर वाली बात कर रहे हैं ।
64 . आटा गीला न होना ( मुसीबत में और मुसीबत आना ) - गरीबी की हालत में उस की नौकरी छूट जाना आटा गीला होने के समान है ।
65. आसन डोलना ( डॉवाडोल होना , खतरा पैदा होना ) - भ्रष्टाचार बढ़ जाने पर सरकार का आसन डोलने लगता है ।
66. आव देखा न ताव ( बिना सोचे विचारे ) - किसानों ने आव देखा न ताव रेल की पटरी उखाड़ दी ।
67. आड़े हाथों लेना ( खरी - खोटी सुनाना ) - एक पार्टी के नेता दूसरी पार्टी के नेता को आड़े हाथों लेते हैं ।
68. आटे दाल का भाव मालूम होना ( कष्ट का अनुभव होना ) - पुत्र को पिता से अलग होने पर आटे दाल का भाव मालूम हो गया ।
69. आगे पीछे फिरना ( खुशामद करना ) - उसके आगे पीछे फिरने से भी उसने मुझे नौकरी नहीं दिलवाई ।
70. ईद का चाँद होना ( बहुत देर के बाद मिलना ) - थानेदार बनने के बाद तुम तो ईद का चाँद हो गए हो ।
71. ईंट का जवाब पत्थर से देना ( दृढ़ता से शत्रु का मुकाबला करना ) - पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान पर हमला कर दिया परंतु हमारी सेना ने दुश्मन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया ।
72. ईंट से ईंट बजाना ( नष्ट - भ्रष्ट कर देना ) - शिवाजी ने अपने दुश्मनों की ईंट से ईंट बजा दी थी ।
73. इधर - उधर की हाँकना ( व्यर्थ बोलना ) - जब मैंने उसे पढ़ने के लिए कहा तो वह इधर - उधर की हाँकने लगा ।
74. उँगली उठाना ( दोष निकालना , हानि पहुँचाने की कोशिश करना ) - जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तब तक कोई तुम पर उँगली नहीं उठा सकता ।
75. उँगली पर नचाना ( वश में करना , इच्छा अनुसार काम करवाना ) - आजकल की पत्नियाँ अपने पतियों को उँगली पर नचाती हैं ।
76. उँगली उठना ( दोषी प्रकट होना , निन्दा होना ) एक बार आदमी पर उँगली उठ जाए तो उस का आदर कम हो जाता है ।
77. उल्टी गंगा बहना ( विपरीत कार्य करना ) - उल्टी गंगा बहाने वाला व्यक्ति समाज में नहीं रह सकता ।
78. उड़ती चिड़िया पहचानना ( बहुत अनुभवी होना ) - उड़ती चिड़िया पहचानने वाले भी कभी - कभी धोखा खा जाते हैं ।
79. उल्टी माला फेरना ( बुरा सोचना ) - तुम चाहे कितनी उल्टी माला फेरो तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते ।
80. उन्नीस बीस का अंतर ( बहुत कम अंतर होना ) - दोनों पुस्तकों में उन्नीस बीस का अंतर है ।
81. उगल देना ( भेद प्रकट कर देना ) - चोर को जब मार पड़ी तो उसने सारी बातें उगल दी ।
82. उठ जाना ( मर जाना , समाप्त हो जाना ) - एक न एक दिन सबको इस संसार से उठ जाना है ।
83. उधेड़बुन में होना ( सोच - विचार में होना ) - मोहन पता नहीं क्या करता रहता है हर वक्त उधेड़बुन में लगा रहता है ।
84. एक आँख से देखना ( सब को समान समझना ) - अध्यापक हमेशा अपने छात्रों को एक आँख से देखते हैं ।
85. एड़ी चोटी का जोर लगाना ( पूरा प्रयत्न करना ) - उसने परीक्षा में पास होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया ।
86. एक न चलना ( कोई युक्ति सफल न होना ) - रमेश ने मुझे अध्यापक से पिटवाने की बहुत कोशिश की परंतु उसकी एक न चली ।
87. एक लकड़ी से हाँकना ( समान व्यवहार करना ) - इस नगर के थानेदार ऐसे हैं कि सभी को एक लकड़ी से हाँकते हैं ।
88. ओखली में सिर देना ( जान - बूझकर मुसीबत में पड़ना ) - जब ओखली में सिर दे दिया है तो अब पीछे नहीं हटूंगा ।
89. कंचन बरसना ( बहुत लाभ होना , धन प्राप्त होना ) - जब से उन्होंने व्यापार शुरू किया है उनके यहाँ कंचन बरस रहा है ।
90. कमर टूटना ( निराश होना , नुकसान होना ) - भारत ने ऐसा हमला किया कि पाकिस्तान की एक ही दिन में कमर टूट गई ।
91. कमर कसना ( तैयार होना ) - परीक्षा में पास होने के लिए मैंने कमर कस ली है ।
92. कलम तोड़ना ( बहुत अच्छा लिखना ) - राम की कापी ऐसी है कि उसने कलम तोड़ रखी है ।
93. कसौटी पर कसना ( बहुत परखना ) - मेरा नौकर कई बार कसौटी पर कसने पर वफादार निकला ।
94. कफन सिर पर बाँधना ( मरने की न करना ) - भारतीय सैनिक युद्ध में कफन सिर पर बाँधकर दुश्मन का सामना करते हैं ।
95. कठपुतली होना ( दूसरे के इशारे पर चलना ) - भारत को कोई भी देश कठपुतली नहीं बना सकता ।
96. कलेजा मुँह को आना ( बहुत दुखी होना , हृदय घबराना ) - बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता का कलेजा मुँह को आ गया ।
97. कलेजा थाम कर रह जाना ( दुख सहन कर लेना ) - बेटे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता कलेजा थाम कर रह गया ।
98. कलेजे पर साँप लोटना ( ईर्ष्या से जलना ) - मेरी लाटरी निकलने का समाचार सुनकर दुश्मनों के कलेजे पर साँप लोट गया ।
99. कंठ का हार होना ( बहुत प्यारा होना ) - इकलौता पुत्र अपने पिता के कंठ का हार होता है ।
100. कटे पर नमक छिड़कना ( दुखी व्यक्ति को और दुखी करना ) - मैं तो पहले से ही दुखी हूँ और कटे पर नमक मत छिड़को ।
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